Tabassum

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आराम ए मोहब्बत


मुकम्मल न सही पर मोहब्बत नाम देते हैं
कुछ इस तरह दिल को हम आराम देते हैं

वो भूल जाए बेशक हमें गिला नहीं कोई
दिल तड़पता है तो यादों का इनाम देते हैं

मिल जाये ग़र नज़र किसी राह में उनसे
पलकें झुका मुस्करा हम सरेआम देते हैं 

फुर्सत में अक्सर ये आँखें भीग जाती हैं
तुझे भूलाने का दिल को तब काम देते हैं

दिल को दीया धड़कन को बाती बना लिया
कुछ इस तरह ही तुम्हें हम एहतेराम देते हैं

माना इश्क़ को जंग कभी हमने कभी तुमने
दिल हार के तुम्हारी जीत को अंजाम देते हैं

इश्क़ तो जलता हुआ समन्दर है आग का
चल ज़िन्दगी उसे ही अपनी तमाम करते हैं

❤️❤️❤️

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4 Comments

Mohammed urooj khan

16-Apr-2024 12:29 PM

👌🏾👌🏾👌🏾👌🏾👌🏾

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Gunjan Kamal

03-Apr-2024 09:16 AM

बहुत खूब

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HARSHADA GOSAVI

02-Apr-2024 08:17 PM

V nice

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